चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है |
चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है |
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ||
हर शरीर मंदिर सा पावन, हर मानव उपकारी है,
जहाँ सिंह बन गए खिलौने, गाय जहाँ माँ प्यारी है,
जहाँ सवेरा शंख बजाता, लौरी गाती शाम है
हर बाला देवी की ........
जहाँ कर्म से भाग्य बदलता, ब्रह्मनिष्ठा कल्याणी है,
त्याग और तप की गाथाएँ, गाती कवि की वाणी है,
ज्ञान यहाँ का गंगा जल सा, निर्मल है अविराम है
हर बाला देवी की ........
जिसके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता है,
जहाँ खेत में हल के नीचे, खेला करती सीता है,
जीवन का आदर्श यहाँ, हर परमेश्वर का धाम है,
हर बाला देवी की ........