अमृत वचन
1🎯 पूज्य बाला साहब देवरस जी ने कहा है -
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"संघ समाज का संगठन करना चाहता है। देश के हर नागरिक को चरित्रवान होना चाहिए। सामाजिक दायित्व जानना चाहिए और ऐसे लोगों का सामूहिक निर्माण करना चाहिए। इस प्रकार का विचार लेकर संघ का कार्य चल रहा है। "
2🎯 लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी ने कहा है
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"धर्म और व्यावहारिक जीवन भिन्न नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं हैं। मूल भावना मात्र स्वयं के लिए कार्य करने के बजाय देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर कार्य करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा और फिर ईश्वर की सेवा करना है।"
3🎯 पूज्य डॉ हेडगेवार जी ने कहा है -
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"केवल भूमि के किसी टुकड़े को राष्ट्र नहीं कहते हैं। एक विचार, एक आचार, एक सभ्यता, एवं एक परम्परा से जो लोग पुरातनकाल से चले आये हैं उन्ही लोगों से राष्ट्र बनता है। इस देश को हमारे ही कारन हिन्दुस्थान नाम दिया गया है।"
4 🎯 नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने कहा है -
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"हमें जिस राष्ट्रीय मुक्ति की कामना है वह त्याग और कष्ट सहन के रूप में अपना मूल्य लिए बिना नहीं मिल सकती, यह अनुभव करने के लिए जिसके पास हृदय है और जो कष्ट सहन करने के लिए तत्पर है, उसे पूजा के पुष्प लेकर आगे आना चाहिए।"
5 🎯 प० पू० श्री गुरुजी ने कहा है -
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"रक्षाबंधन के पवित्र पर्व पर मन में निश्चय करें कि स्नेह की सच्ची अनुभूति लेकर कंधे से कंधे मिलाकर अपने में वास्तविक बंधुत्व का भाव उत्पन्न कर शुद्ध पवित्र एकात्म जीवन उत्पन्न करेंगे। यही आज के पुण्य पर्व पर अपने लिए आह्वान तथा सन्देश है। "