विश्व गुरु तव अर्चना में

विश्व गुरु तव अर्चना मेंविश्व गुरु तव अर्चना में, भेंट अर्चन क्या करें जबकि तन-मन-धन तुम्हारे, और पूजन क्या करें।।प्राची की अरुणिम छटा है, यज्ञ की आभा विभा हैअरुणा ज्योतिर्मय ध्वजा है, दीप दर्शन क्या करें।।१।।वेद की पावन ऋचा से, आज तक राग गूंजे,वंदना के उन स्वरों में, तुच्छ वंदन क्या करें।।२।।राम के अवतार आए, कर्ममय जीवन चलाए,अजिर तन तुझको चढ़ाएं,...
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मुक्त हो गगन सदा

 संचलन गीतमुक्त हो गगन सदा, स्वर्ग सी बने महिसंघ साधना यही, राष्ट्र अर्चना यही ।। व्यक्ति-व्यक्ति को जुटा, दिव्य संपदा बढ़ा देशभक्ति ज्वार ला, लोकशक्ति आ रही है स्वतंत्रता यही, पूर्ण क्रांति है सही ।१।संघ साधना यही ..................... भारत भूमि...
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दसों दिशाओं में जाएं

दसो दिशाओं में जाएं, दल बादल सा छा जाएं,उमड़ घुमड़ कर हर धरती को, नंदनवन सा सरसाएं।।यह मत समझो किसी क्षेत्र को, खाली रह जाने देंगे,दानवता की बेल विषैली, कहीं नहीं छाने देंगे,जहां कहीं लूं झुलसाती, अमृत रिमझिम बरसाएं ।।१।।नंदन वन सा सरसाएं ........फूल सुकोमल धरती पर हम, बिजली...
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