विश्व गुरु तव अर्चना मेंविश्व गुरु तव अर्चना में, भेंट अर्चन क्या करें जबकि तन-मन-धन तुम्हारे, और पूजन क्या करें।।प्राची की अरुणिम छटा है, यज्ञ की आभा विभा हैअरुणा ज्योतिर्मय ध्वजा है, दीप दर्शन क्या करें।।१।।वेद की पावन ऋचा से, आज तक राग गूंजे,वंदना के उन स्वरों में, तुच्छ वंदन क्या करें।।२।।राम के अवतार आए, कर्ममय जीवन चलाए,अजिर तन तुझको चढ़ाएं,...