
दसो दिशाओं में जाएं, दल बादल सा छा जाएं,उमड़ घुमड़ कर हर धरती को, नंदनवन सा सरसाएं।।यह मत समझो किसी क्षेत्र को, खाली रह जाने देंगे,दानवता की बेल विषैली, कहीं नहीं छाने देंगे,जहां कहीं लूं झुलसाती, अमृत रिमझिम बरसाएं ।।१।।नंदन वन सा सरसाएं ........फूल सुकोमल धरती पर हम, बिजली...