सुभाषित - येषां न विद्या न तपो न दानं

[9] सुभाषित दो शब्दों सु + भाषित से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है सुन्दर भाषा में कहा गया| सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं जिनमे सुखी और आदर्श जीवन की अनमोल सीख छिपी हुई है | जैसे -  येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणों न धर्म:। ते...
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अब जाग उठो कमर कसो

अब जाग उठो कमर कसो मंजिल की राह बुलाती है  अब जाग उठो कमर कसो, मंजिल की राह बुलाती है  ललकार रही हमको दुनिया,  भेेरी आवाज लगाती है है ध्येय हमारा दूर सही, पर साहस भी तो क्या कम है  हम राह अनेकों साथी हैं, कदमों में अंगद...
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सुभाषित - अमानी मानदो मान्यो

[8] सुभाषित दो शब्दों सु + भाषित से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है सुन्दर भाषा में कहा गया| सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं जिनमे सुखी और आदर्श जीवन की अनमोल सीख छिपी हुई है | जैसे -  अमानी मानदो मान्यो, लोक स्वामी त्रिलोक धृक। सुमेधा मेध जो धन्य:,...
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सुभाषित - उद्यमेन ही सिद्धयन्ति

[7] सुभाषित दो शब्दों सु + भाषित से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है सुन्दर भाषा में कहा गया| सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं जिनमे सुखी और आदर्श जीवन की अनमोल सीख छिपी हुई है | जैसे -  उद्यमेन ही सिद्धयन्ति,  कार्याणि न मनोरथे।  न...
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अमृत वचन - डॉक्टर हेडगेवार जी

प्रचलित प्रेरक कथन एवं सुविचार परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार जी ने कहा है - :                                                     "अपने...
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अमृत वचन - स्वामी विवेकानंद जी

प्रचलित प्रेरक कथन एवं सुविचार   स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है -:                                          "ज्ञान, भक्ति, योग और कर्म - यह चार मार्ग...
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सुभाषित - मातृवत परदारेषु

[6] सुभाषित दो शब्दों सु + भाषित से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है सुन्दर भाषा में कहा गया| सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं जिनमे सुखी और आदर्श जीवन की अनमोल सीख छिपी हुई है | जैसे -  मातृवत परदारेषु,  पर द्रव्ययेषु लोष्ठवत। आत्मवत...
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देश के लिए जिए, समाज के लिए जिए

देश के लिए जिए, समाज के लिए जिए देश के लिए जिए, समाज के लिए जिए ये धड़कने ये स्वास हो, पुण्यभूमि के लिए गर्व से सभी कहें, हिंदू है हम एक हैं जाति पंथ भिन्नता, स्नेह सूत्र एक हैं शुभ्र रंग की छटा, सप्तरंग है लिए।। ये धड़कने ये स्वास हो, पुण्यभूमि के लिए कोटि-कोटि...
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अमृत वचन - डॉक्टर हेडगेवार जी

प्रचलित प्रेरक कथन एवं सुविचार   परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार जी ने कहा है -:                                                    ...
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सुभाषित - शक्त्या विहिना पुरुषा हि लोके

[5] सुभाषित दो शब्दों सु + भाषित से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है सुन्दर भाषा में कहा गया| सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं जिनमे सुखी और आदर्श जीवन की अनमोल सीख छिपी हुई है | जैसे -  शक्त्या विहिना पुरुषा हि लोके, नेतु न राष्ट्रम प्रभवंती नूनम। देवा...
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शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है

शुद्ध सात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार है शुद्ध सात्विक प्रेम अपने, कार्य का आधार है प्रेम जो केवल समर्पण, भाग को ही जानता है और उसमें ही स्वयं की, धन्यता बस मानता है दिव्य ऐसे प्रेम में, ईश्वर स्वयं साकार है।। शुद्ध सात्विक प्रेम अपने, कार्य का आधार है विश्व...
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सुभाषित - यत्रोत्साह समारंभॊ

[4] सुभाषित दो शब्दों सु + भाषित से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है सुन्दर भाषा में कहा गया| सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के भण्डार हैं जिनमे सुखी और आदर्श जीवन की अनमोल सीख छिपी हुई है | जैसे -  यत्रोत्साह समारंभॊ, यत्रालस्य विहीनता। नय विक्रयं संयोग:,...
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अमृत वचन - पंडित दीनदयाल उपाध्याय

प्रचलित प्रेरक कथन एवं सुविचार   पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा है - :                                                     "देश...
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