अब जाग उठो कमर कसो


अब जाग उठो कमर कसो मंजिल की राह बुलाती है 


अब जाग उठो कमर कसो, 
मंजिल की राह बुलाती है 
ललकार रही हमको दुनिया, 
 भेेरी आवाज लगाती है

है ध्येय हमारा दूर सही, 
पर साहस भी तो क्या कम है
 हम राह अनेकों साथी हैं,
 कदमों में अंगद का दम है
 असुरों की दुनिया राख करें,
 वह आग लगानी आती है 
 ललकार ही हमको दुनिया भेरी आवाज लगाती है

पग पग पर कांटे बिछे हुए,
 व्यवहार कुशलता हममें है
 विश्वास विजय का अटल लिए,
निष्ठा कर्मठता हममें है
 विजयी पुरखो की परंपरा, 
अनमोल हमारी थाती है
ललकार रही हमको दुनिया भेरी आवाज लगाती है

हम शेर शिवा के अनुगामी, 
राणा प्रताप की आन लिए
केशव माधव का तेज लिए, 
अर्जुन का शर संधान लिए
 संगठन तंत्र की शक्ति ही,
वैभव का चित्र सजाती है
ललकार रही हमको दुनिया भेरी आवाज लगाती है
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